नमस्कार मित्रों,
चंद्र ग्रहण के बारे में बात करेंगे कि चंद्र ग्रहण के दिन क्या करना चाहिए और चंद्र ग्रहण के दिन क्या नहीं करना चाहिए ? चंद्र ग्रहण के दिन कुछ विशिष्ट कार्यों को करना पूर्ण रूप से वर्जित माना जाता है। क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति को दोष लगता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण दौरान क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का कोई दोष न लगे।
चंद्र ग्रहण के दिन क्या करना चाहिए और चंद्र ग्रहण के दिन क्या नहीं करना चाहिए ?
चंद्रग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है, लेकिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि की नजर से इसे बेहद खास माना जाता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, ग्रहण की शुरुआत और इसका समापन होने की तिथि की गणना के अनुसार मालूम चल जाता है। सूतक काल भी मान्यहोता है । ऐसे में इस दौरान कुछ विशिष्ट बातों का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है। इस काल में क्या करना चाहिए और किन विशिष्ट बातों से बचना चाहिए।
1. चंद्रग्रहण के दिन क्या न करें।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं। ऐसे में भगवान की मूर्तियों को छूना अशुभ माना जाता है। इस दौरान घर के मंदिर को लाल या पीले कपड़े से ढक दें।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान तुलसी, पीपल और बरगद के पेड़ों को छूने से बचें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से दोष लग सकता है।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान ऐसे लोगों से न मिलें जो नकारात्मक बातें करते हैं। झगड़ा या वाद-विवाद से भी दूर रहें, वरना घर की शांति भंग हो सकती है।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान में दांपत्य संबंध बनाना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दौरान ज्यादा बातचीत या बहस करने से भी दूरी बनाए रखें।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान चाकू, सुई, कैची जैसी नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। साथ ही नाखून और बाल काटना भी अशुभ होता है।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय बाहर निकलने से मना किया जाता है। साथ ही उन्हें नुकीली चीजों को पकड़ने , छूने से भी बचना चाहिए।
2. चंद्रग्रहण के दिन क्या करें ?
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान में दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन चावल, दूध, घी, सफेद वस्त्र और चांदी का दान करने से चंद्र दोष दूर होते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान मंत्र जाप बेहद फलदायी होता है। शिव जी का महामृत्युंजय मंत्र और चंद्रमा का मंत्र ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः’ का जप करना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान आप अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान में श्राद्ध, हवन, जप और तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार पर आशीर्वाद बना रहता है।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि इससे मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- चंद्र ग्रहण काल के दौरान चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए। इससे शरीर और घर में फैली नकारात्मकता दूर होती है। स्नान के बाद घर और मंदिर में गंगाजल का छिड़काव अवश्य करें।
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